अपनी बाइक को कहें पुष्पक, मेरी कार सरकारी परिवहन |
उनकी मदिरा कहलाये सोमरस, मेरा प्याज भी खाना दुर्व्यसन |
मेरा आदर-भाव लगे चापलूसी, उनकी हिकारत भी नमन |
मेरे चुटकुले करें बदतमीजी, उनका क़त्ल करना भी टशन |
मेरी ठिठोली गम्भीर छेड़-छाड़, उनका व्यभिचार भी बड़प्पन |
मेरी पूजा लगे ढकोसला, उधर गालियों से हो प्रवचन |
मेरे चूल्हे से फैले प्रदूषण, उनकी चिता भी जले तो हवन |
अफवाह उड़े तो तेज तूफ़ान, उनका तहलका भी शीतल पवन |
मेरी विनम्रता लगे दीनता, बोल्डनेस है उनका अकड़पन |
मेरी हकीकत होती घमंड , उनके कमीनेपन में भी वजन ||
behtareen ! kya piroya hai shabdo ko
ReplyDeletemaza aa gaya padhkar
वाह ..बहुत खूब कहा है ।
ReplyDeleteबहुत खूब ... पर ऐसा इसलिए .. वो वो है और आप आप हैं ...
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