आलू यहाँ उबाले कोई |
बना पराठा खा ले कोई ||
तोला-तोला ताक तोलते,
सोणी देख भगा ले कोई |
जला दूध का छाछ फूंकता
छाछे जीभ जला ले कोई |
जमा शौक से करे खजाना
आकर उसे चुरा ले कोई ||
लेता देता हुआ तिहाड़ी
पर सरकार बचा ले कोई ||
"रविकर" कलम घसीटे नियमित
आजा प्यारे गा ले कोई ||
बना पराठा खा ले कोई ||
तोला-तोला ताक तोलते,
सोणी देख भगा ले कोई |
जला दूध का छाछ फूंकता
छाछे जीभ जला ले कोई |
जमा शौक से करे खजाना
आकर उसे चुरा ले कोई ||
लेता देता हुआ तिहाड़ी
पर सरकार बचा ले कोई ||
"रविकर" कलम घसीटे नियमित
आजा प्यारे गा ले कोई ||
गीत अनोखा गाया हमने, अब तो खुशी मना ले कोई
ReplyDeleteहिंदी दिवस की शुभ कामनाएं !
सरकार बस इन तिहाडियों की ही कृपा से बची हुयी है ... अमर, राजा कलिमौझु इनके वोट न होँ तो कांगेस क्या करेगी ...
ReplyDeletesuperb
ReplyDelete/__\
देश के गद्धार बचा ही लेंगे।
ReplyDeletesarthak rachna...
ReplyDeleteबहुत सटीक!!
ReplyDeleteछोटी पंक्तियों में बड़े-बड़े भाव. अति सुंदर.
ReplyDelete