म्याऊँ के सर ताज है.
जाति-प्रथा मजबूत यहाँ पर संस्कार सोलह होते |
हंसे लोमड़ी कसे व्यंग खर औ सियार दर दर रोते |
न्याय निराले काले भालू वादी-प्रतिवादी-दर पोते |
लड़ते - भिड़ते उमर काटते अंत दोऊ दीदा खोते --
न्याय बिधा पर नाज़ है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
कहीं भाग्य से टूटे छींके, छींके यहाँ तोडती बिल्ली |
नहीं तराजू बाँट यहाँ पर, बन्दर बंदरबांट बांटते |
चूहों ने है भरी तिजोरी मोलभाव बिन मॉल छांटते |
ऊन छोड़ खादी को पहने, भेड़-भेड़िया खीर चाटते |
देशी घी के कटे पराठे , सम्मलेन में सांठ गांठते |
युवा मंच नाराज़ है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
यहाँ टाइगर खेती करते सीमा पर चीते रहते |
चुगुल-खोर चालक लोमड़ी कुत्तों की अच्छी यारी |
ए जी टू जी महा घुटाले, आदर्शवादी नाम है |
सुअर करे दिन रात सफाई, गधे खुरों से सड़क पाटते |
नगर सुरक्षा कुत्ते करते भौंक- भौंक के रात काटते|
चोर - उचक्के - पाखंडी लोगो को ऐसी डांट डांटते |
गिड़-गिड़ करके भीख मांगते, गिर-गिर करके चरण चाटते--
कहते इसमें राज़ है |
म्याऊँ के सर ताज है ||जाति-प्रथा मजबूत यहाँ पर संस्कार सोलह होते |
हंसे लोमड़ी कसे व्यंग खर औ सियार दर दर रोते |
न्याय निराले काले भालू वादी-प्रतिवादी-दर पोते |
लड़ते - भिड़ते उमर काटते अंत दोऊ दीदा खोते --
न्याय बिधा पर नाज़ है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
कहीं भाग्य से टूटे छींके, छींके यहाँ तोडती बिल्ली |
चौबिस चूहे घंटी लेकर कहते बहुत दूर है दिल्ली |
हदबंदी की गीदड़ भभकी, मिलती बिना तेल की तिल्ली |
नलबंदी पर खास जोर है दो से हद पिल्ले या पिल्ली |
कहने में क्या लाज है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
म्याऊँ के सर ताज है ||
नहीं तराजू बाँट यहाँ पर, बन्दर बंदरबांट बांटते |
चूहों ने है भरी तिजोरी मोलभाव बिन मॉल छांटते |
ऊन छोड़ खादी को पहने, भेड़-भेड़िया खीर चाटते |
देशी घी के कटे पराठे , सम्मलेन में सांठ गांठते |
युवा मंच नाराज़ है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
यहाँ टाइगर खेती करते सीमा पर चीते रहते |
शीत लहर लू वर्षा सहते विपदा में जीते रहते |
सिंह यहाँ का बना मुखौटा, सदा उसे सीते रहते |
नस्ल यहाँ हाथी सफ़ेद की दारू-रम पीते रहते--
बाज न आता बाज है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
गंधी इत्र चित्र कंगारू दारू ब्लैक हार्स का धंधा |म्याऊँ के सर ताज है ||
चम्गीदर आडिओ-वीडियो उल्लू करे टार्च को अँधा |
गाय डालडा घी निर्माता बैल बोझ ढोने का धंधा |
भैंसा बैठा करे सवारी साम्यवाद का छिलता कंधा--
प्रतिबंधित आवाज है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
म्याऊँ के सर ताज है ||
चुगुल-खोर चालक लोमड़ी कुत्तों की अच्छी यारी |
उल्टा सीधा छपने पर, सरे आम पिट जाये बिचारी.
रट्टू तोते पाठ रटाते बना तरीका सरकारी |
बकरे की माँ खैर मनाये तेज करे औजार शिकारी --
कितना व्यथित समाज है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
म्याऊँ की एक गाय दुधारू टैक्सों का है जो अधिकार |म्याऊँ के सर ताज है ||
पीने को पाती सपरेटा बछड़े जाते क्रीम डकार |
मोर-मोरनी डिस्को करते गाता गधा राग मल्हार |
एक मंच पर आना होगा कहते सारे रंगे सियार |
जो कि मुश्किल आज है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
म्याऊँ के सर ताज है ||
ए जी टू जी महा घुटाले, आदर्शवादी नाम है |
कामन वेल्थ में हेल्थ बनाए खेल नहीं संग्राम है |
आरक्षण की आग लगी इत, उधर नक्सली काम है |
रेल पटरियां कही तोड़ते कही रोड पर जाम है ---
सफ़र पे गिरती गाज़ है |
शाही को शह मिली हुई है सरे आम देखे करतब |म्याऊँ के सर ताज है ||
कांटे चुभा-चुभा के चूसे मौका उसे मिले जब-तब |
खाना-पीना-मौज मनाना लगे हुए है बाकी सब |
म्याऊँ सोच रही गद्दी पर देख बिलौटा बैठे कब-
क्या बढ़िया अंदाज़ है |
म्याऊँ के सर ताज है ||
म्याऊँ के सर ताज है ||
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