ये जिन्दगी लगती आसान नहीं प्यारे |
अपने भी अब तो मेहरबान नहीं प्यारे ||
अक्सरहां वे बात करते हैं उसूलों की--
टूटने से उनके, परेशान नहीं प्यारे ||
राजी-ख़ुशी से गुर्दा, हम निकाल कर दिए--
जिगर में किन्तु उनके, एहसान नहीं प्यारे ||
कमोवेश एक ही जैसा हाल है कागा--
पर कोयल की चाल का निदान नहीं प्यारे ||
गुम-सुम सा आज, गांव का बरगद अपना-
पीपल पेड़ का बाकी निशान नहीं प्यारे ||
कोई रिश्ता जब अपनी कीमत तय कर ले
मोल चुका देने में, नुकसान नहीं प्यारे ||
कमोवेश एक ही जैसा हाल है कागा--
ReplyDeleteपर कोयल की चाल का निदान नहीं प्यारे ||
waah
बहुत खूबी दिल से निकली सदा .
ReplyDeleteबेहतरीन ... बहुत अच्छी प्रस्तुति
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