ऐब ऐबटाबाद में, गया था उस दिन मिट |
ओबामा की कोशिशें, हुई थीं सारी हिट ||
अमरीका के जो लगा, जख्म पे मरहम ठण्ड,
दस सालों से हर जगह, रहा था अक्सर पिट ||
पर आतंकी डंक यह, है बेहद मजबूत,
रंग बदलने लग पड़ा , है असली गिरगिट ||
हारेगा हर हाल में, लेकिन आतंक-वाद,
मानवता जीते सदा, ईश्वर लेख अमिट ||
aameeeeeen !
ReplyDeletebas yahi dua hai hamari :)
हारेगा हर हाल में, लेकिन आतंक-वाद, aameen
ReplyDeleteहम होंगे कामयाब.
ReplyDeleteहाँ आस्था उम्मीद और उम्मीद से ही जीवन है ना -उम्मीदी का ही दूसरा नाम है मौत .ज़िन्दगी ज़िंदा दिली का नाम है मुर्दा दिल क्या ख़ाक जियेंगे .
ReplyDeleteहाँ आस्था उम्मीद और उम्मीद से ही जीवन है ना -उम्मीदी का ही दूसरा नाम है मौत .ज़िन्दगी ज़िंदा दिली का नाम है मुर्दा दिल क्या ख़ाक जियेंगे .
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या ... ।
ReplyDeletebahut sundar ...
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज सोमवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग इस ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो हमारा भी प्रयास सफल होगा!
हारेगा हर हाल में आतंकवाद.... आमीन...
ReplyDeleteसादर...
bahut acchi rachna
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