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Thursday 14 July 2011

मानवता जीते सदा

ऐब ऐबटाबाद में,  गया  था  उस दिन  मिट |
ओबामा  की  कोशिशें,   हुई  थीं  सारी  हिट ||

अमरीका के जो लगा, जख्म पे मरहम ठण्ड,    
दस सालों से हर जगह, रहा था अक्सर पिट ||

पर   आतंकी   डंक   यह,   है   बेहद   मजबूत,  
रंग  बदलने  लग  पड़ा , है  असली  गिरगिट ||

हारेगा  हर  हाल  में,  लेकिन    आतंक-वाद,
मानवता    जीते    सदा,  ईश्वर   लेख   अमिट ||   
 
                          

10 comments:

  1. aameeeeeen !
    bas yahi dua hai hamari :)

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  2. हारेगा हर हाल में, लेकिन आतंक-वाद, aameen

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  3. हाँ आस्था उम्मीद और उम्मीद से ही जीवन है ना -उम्मीदी का ही दूसरा नाम है मौत .ज़िन्दगी ज़िंदा दिली का नाम है मुर्दा दिल क्या ख़ाक जियेंगे .

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  4. हाँ आस्था उम्मीद और उम्मीद से ही जीवन है ना -उम्मीदी का ही दूसरा नाम है मौत .ज़िन्दगी ज़िंदा दिली का नाम है मुर्दा दिल क्या ख़ाक जियेंगे .

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  5. बहुत ही बढि़या ... ।

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  6. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज सोमवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग इस ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो हमारा भी प्रयास सफल होगा!

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  7. हारेगा हर हाल में आतंकवाद.... आमीन...
    सादर...

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